हरियाणा ब्रेकिंग सीएम दरबार में आमने-सामने हो सकता है पुलिस और माइनिंग विभाग

हरियाणा ब्रेकिंग सीएम दरबार में आमने-सामने हो सकता है पुलिस और माइनिंग विभाग

हरियाणा ब्रेकिंग सीएम दरबार में आमने-सामने हो सकता है पुलिस और माइनिंग विभाग

हरियाणा ब्रेकिंग सीएम दरबार में आमने-सामने हो सकता है पुलिस और माइनिंग विभाग

चंडीगढ़। अवैध खनन रोकने के लिए सीएम की अध्यक्ष्ता में निर्णय के बावजूद पुलिस विभाग द्वारा स्टाफ नहीं सौंपे जाने से माइनिंग विभाग के उच्च अधिकारी खासे नाराज हैं। पिछले चार महीने में माइनिंग विभाग पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तीन बार पत्र लिख चुका है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पता चला है कि विभाग एक आखिरी पत्र बतौर रिमाइंडर डीजीपी को भेजेगा, यदि इस पर भी एक्शन नहीं हुआ तो पूरा मामला मुख्यमंत्री मनोहरलाल के दरबार में रखा जाएगा।
बता दें कि प्रदेश विभिन्न जिलों में अवैध खनन माफिया सरकारी सिस्टम पर हावी है। रोजाना करोड़ों रूपये का चुना सरकार को लगाया जा रहा है। खनन माफिया की जड़े इतनी गहरी और प्रभावी हैं कि माइनिंग विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अकसर बेबस साबित हो जाते हैं। माइनिंग विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाने पर अधिकारियों को धमकी और कर्मचारियों पर हमला किए जाने की घटनाएं भी सामने आ चुकी है। इस स्थिति से निपटने के लिए करीब चार माह पहले सुरक्षा के लिए माइनिंग विभाग के उच्च अधिकारियों की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। जिसमें पुलिस ने 78 अधिकारियों और जवानों की ड्यूटी खनन एवं भूविज्ञान विभाग को सौंपे जाने की हामी भरी थी। लेकिन आज चार महीने बाद भी जवानों का दस्ता माइनिंग विभाग को नहीं मिला है, जिस कारण माइनिंग विभाग को फील्ड में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। माइनिंग विभाग के महानिदेशक की ओर से इस बाबत तीन बार पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पीके अग्रवाल को चिट्ठी लिखी जा चुकी है। अब तीसरा रिमांडर भेजने की तैयारी है। अगर अब भी पुलिस की ओर से स्टॉफ उपलब्ध नहीं करवाया जाता है तो यह पूरा मामला मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।

पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति का हुआ था फैसला
विभाग में अवैध माइनिंग व ओवरलोडिंग रोकने के लिए पुलिस का सहयोग लेने का फैसला हुआ था। डीएसपी सहित पुलिस विभाग से 78 जवानों की प्रतिनियुक्ति माइनिंग डिपार्टमेंट में करने की सहमति बनी थी। इतना ही नहीं, यह पूरा मामला मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नोटिस में भी है। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) की मुहर के बाद ही इस स्टाफ की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी मिली थी। मगर माइनिंग डिपार्टमेंट की ओर से भेजी गई स्टाफ की डिमांड पर पुलिस विभाग ने काई गंभीरता नहीं दिखाई।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुआ था प्रतिनियुक्ति का निर्णय
सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय हुआ था कि पुलिस विभाग से स्टाफ को प्रतिनियुक्ति पर लिया जाएगा। पुलिस के इन जवानों का वेतन और सभी प्रकार के भत्तों का भुगतान माइनिंग डिपार्टमेंट को ही करना होगा। मुख्यालय स्तर पर डीएसपी का एक पद सृजित किया गया है। वहीं एक इंस्पेक्टर, 14 सब-इंस्पेक्टर, 14 हेड कांस्टेबल और 48 कांस्टेबल के पदों को मंजूरी दी गई। अवैध माइनिंग रोकने के लिए जाने वाली विभाग की टीमों पर कई बार हमला भी हो चुका है। इसीलिए स्थाई तौर पर पुलिस जवानों को तैनात करने का निर्णय लिया था।
मंत्री मूलचंद शर्मा के आदेशों पर भी ध्यान नहीं
अहम बात यह है कि स्टाफ के लिए माइनिंग डिपार्टमेंट की ओर से जहां डीजीपी को पत्र लिखे जा चुके हैं, वहीं माइनिंग विभाग के मंत्री मूलचंद शर्मा भी इस बाबत गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को नोट भेजकर स्टाफ उपलब्ध करवाने के आदेश दे चुके हैं। मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंत्री शर्मा ने 30 सितंबर को गृह सचिव को नोट भेजा था। सरकार ने माइनिंग डिपार्टमेंट में पुलिस जवानों के लिए 78 नये पदों का सृजन किया था। बाकायदा इनके लिए बजट भी मंजूर हुआ था, पर नतीजा शून्य है।

मुख्यालय से लेकर जिले तक नियुक्त होगा स्टाफ

प्रदेश मुख्यालय पर एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर के अलावा 2 कांस्टेबल की नियुक्ति होनी है। यमुनानगर में 2 सब-इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 4 कांस्टेबल, सोनीपत में 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल, भिवानी व दादरी में 2 सब-इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल, महेंद्रगढ़-नारनौल में 1 सब-इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल, गुरुग्राम व नूंह में 2 सब-इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल, फरीदाबाद-पलवल में 2 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल, पानीपत-करनाल में 2 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल, कुरुक्षेत्र व कैथल में 1 हेड कांस्टेबल व 4 कांस्टेबल तथा पंचकूला में 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल की नियुक्ति होनी है। इसी तरह से अंबाला में 1 सब-इंस्पेक्टर, 1 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल, हिसार-फतेहाबाद में 4 कांस्टेबल, रोहतक व झज्जर में 4 कांस्टेबल तथा जींद, सिरसा व रेवाड़ी में 2-2 कांस्टेबल माइनिंग डिपार्टमेंट में तैनात होने हैं।